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Emi Meaning in Hindi || no cost emi का मतलब हिंदी

mi meaning in hindi || no cost emi का मतलब हिंदी LOAN आज के समय सभी को लिए न ही परता है क्यों की मन्घाये बहत होगी एक MIDICALSS को यदि – कार खरीदने स
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emi meaning in hindi || no cost emi का मतलब हिंदी 

LOAN आज के समय सभी को लिए न ही परता है क्यों की मन्घाये बहत होगी एक MIDICALSS को यदि  – कार खरीदने से लेकर घर खरीदने तक, विदेश में शिक्षा लिंये  से लेकर निजी उपयोग के लिए पैसे की चाहत तक – ऋण हमें महत्वपूर्ण जीवन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, खासकर ऐसे समय में जब मुद्रास्फीति हमेशा बढ़ रही है। हालाँकि, जब हम ऋण के बारे में बात करते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण शब्द जो दिमाग में आता है वह है EMI।

Emi Meaning in Hindi || no cost emi का मतलब हिंदी 


इसके स्पष्ट लाभों के बावजूद, बहुत से लोग अभी भी EMI payment method के बारे में नहीं जानते हैं। यह आश्चर्यजनक है क्योंकि EMI years से है और financial संस्थानों द्वारा सक्रिय रूप से इसकी Advocacy की जाती है। यह POST आपको EMI की व्यापक अवधारणा को समझने में मदद करेगा।

ईएमआई का मतलब क्या होता है?

ईएमआई का मतलब क्या होता है?




आजकल online shopping companies अपने ज्यादातर सामानों को No-cost EMI पर खरीदने का ऑफर देने लगी हैं। तो चले जानते है हमलोगों   no cost emi का मतलब हिंदी |  यानी कि आप उस सामान को उधार खरीद लीजिए और बिना Interest वाली किस्तों में पेमेंट करते रहि एगा। प्राय: ये No-cost EMI के ऑफर CREDIT CARD के माध्यम से PAYMENTS करने पर मिलते हैं। मतलब यह कि अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो आप अपनी पसंदीदा सामान जैसे कि MOBILE, TV, फ्रिज, वाशिंग मशीन, कंप्यूटर, लैपटॉप, घड़ी, कपड़े वगैरह कुछ भी No-cost EMI पर खरीद सकते हैं। 

हमारे कई SUBSCRIBER  ने Email पर पूंछा था कि No-cost EMI का हिंदी में मतलब क्या होता है? इससे क्या Benefit होता है। इस POST में हम जानेंगे कि No-cost EMI क्या होती है? ये किस तरह काम करती है? इससे (what is the benefit to the customer) होता है और BANK व सामान बेचने वाली COMPANY को क्या BENEFIT मिलता है? 

जब ग्राहक को किसी वस्तु या सेवा के दाम, बिना ब्याज वाली किस्तों (Installments) में चुकाने की सुविधा दी जाती है, तो उसे N0 Cost EMI कहते हैं। इस प्रक्रिया में बैंक अपनी पूरी ब्याज को छूट (Discount) के रूप में छोड़ देते हैं। सामान या सेवा बेचने वाली कंपनियां बैंकों या क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियों के साथ समझौता करके ये सुविधा अपने ग्राहकों को दे पाती हैं। 

उदाहरण के लिए, आपने कोई 30000 RUPYA  का सामान 6 MONTH की No-Cost EMI पर खरीदा है। तो आपको Only Rs 5000 per month for 6 months के हिसाब से भुगतान करना होगा। इसमें कोई ब्याज आपसे नहीं ली जाएगी और प्रोसेसिंग फीस भी नहीं लगेगी।

इस तरह से ग्राहक जो किस्तें भरता है, उसमें उसे ब्याज के रूप में अतिरिक्त लागत नहीं चुकानी पड़ती। इसलिए इसे बिना लागत वाली किस्तें या No Cost EMI कहा जाता है।

बैंक को इसमें फायदा यह होता है कि उसे नए ग्राहकों को लुभाने का मौका मिलता है और पुराने गाहकों को जोड़े रखने में भी मदद मिलती है। उन्हें भी बिना कोई पैसा खर्च किए अपने ब्रांड की पहुंच बढ़ाने और ग्राहक संकलन (customer acquisition) में मदद मिलती है। साथ ही सामान बनाने वाली कंपनियां भी उन सौदों में कुछ प्रतिशत बैंकों को दे देती हैं। इस तरह से ग्राहक, बैंक और कंपनी सभी मुनाफे में रहते हैं। 

लेकिन,financial एक्सपर्ट, No-cost EMI को सिर्फ छलावा बताते हैं और customers को मूर्ख बनाने का हथियार कहते हैं। उनके तर्कों में कितना दम है और What is the reality? आगे हम इन चीजों को समझने की कोशिश करेंगे।

no cost emi का मतलब हिंदी

no cost emi का मतलब हिंदी

 

सामान या सेवा बेचने वाली COMPNAY  बड़े सामानों की खरीद पर zero percent interest  वाले लोन देने का दावा करती थीं। 17 सितंबर 2013 को reserve Bank of India (RBI) ने अपना एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि zero percent interest वाली कोई चीज नहीं होती यानी कि कोई भी लोन ब्याज मुक्त नहीं होता।

आरबीआई का यह circular कहता है कि CREDIT CARD बकाया पर Zero Percent EMI स्कीम में interest amount, अक्सर Processing fees के रूप में वसूल कर ली जाती है। उसी तरह कुछ BANK अपने लोन का ब्याज उन सामानों की कीमत में शामिल करके वसूल रहे हैं।

यह कि No-cost EMI सिर्फ ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर और लालच देकर sale बढ़ाने का तरीका है। इस statement के पीछे जो Story है, उसे आगे दिए गए तर्कों से आप आसानी से समझ सकेंगे।


shopping online कंपनियां या स्टोर, किसी सामान या सेवा को उपलब्ध कराने वाली कंपनी से पहले ही अच्छा-खासा Discount (छूट) तय कर लेती हैं। उस benefit of discount No Cost EMI पर खऱीदने वाले ग्राहकों को नहीं मिलता। आपको तो लगता है कि, बिना ब्याज के सामान मिल गया, जबकि ब्याज के बराबर या उससे भी ज्यादा शुल्क, पहले ही वसूला जा चुका होता है।

For example, कोई सामान 30 हजार रुपए का है और उस पर 10% का discount मिल रहा है। आप अगर इसे उसी समय पूरा देकर लेते हैं तो ये आपको 27 हजार रुपए का पड़ेगा। अब अगर आपने इसे No Cost EMI पर लिया तो आपको ये 10% off  नहीं मिलेगा और आपको पूरे के पूरे 30 हजार रुपए के हिसाब से किस्त बनाकर दे दी जाती हैं। कभी-कभी तो यह डिस्काउंट 16 से 24 Percent के आसपास होता है, जोकि आपको No Cost EMI के साथ नहीं मिला होता है। 

No Cost EMI installments come with processing fees

no cost emi का मतलब हिंदी



 No Cost EMI, के तहत जो CREDIT CARD से खरीदारी की जाती है, उसकी PER MONTH आपको processing fees चुकानी पड़ती है। आपकी हर EMI के साथ यह जुड़ी होती है। EMI की ब्याज भले ही कंपनी खुद चुकाती है, लेकिन  Interest  पर 18% GST तो आपको देना ही पड़ता है। इसके अलावा बैंक सर्विस चार्ज भी वसूलते हैं। इन सबके कारण ही आपकी EMI जो शुरू में बताई गई होती है, CREDIT CARD का BILL उससे कहीं ज्यादा बनकर आता है।

कहने के लिए तो, इन सब चीजों की जानकारी आपको बिक्री वाले Documents में दी गई होती है, लेकिन बहुत छोटे-छोटे हजारों अक्षरों के बीच उसक जानकारी को समझ पाना सामान्य ग्राहकों के वश की बात नहीं होती। वो तो सिर्फ मोटे-मोटे अक्षरों में दिख रही EMI की रकम देखकर खरीदारी कर डालते हैं और फिर पूरी अवधि तक ठगी के शिकार बने रहते हैं।  

कई बार ऐसा भी होता है कि विक्रेता, किसी सामान  की लागत का INTREST, उसकी कीमत में ही शामिल करके, आपकी किस्तें बना देता है। इस तरह से आपको बिल्कुल भी अहसास नहीं हो पाता कि उसकी INTREST पहले ही ली जा चुकी है। उदाहरण के लिए आपको 50 हजार का LAPTOP, 5000 रुपए MONTH की 10 No Cost EMI पर मिल रहा है। हो सकता है कि उस LAPTOP की लागत उस विक्रेता को 45000 ही पड़ी हो। वह LAPTOP की कीमत में ब्याज की रकम को शामिल करके उसे 50 हजार में दे देता है। इस तरह से वह पहले ही आपसे ब्याज का पैसा ले चुका होता है।

No Cost EMI is a profitable deal or a loss

No Cost EMI कई NOT BAD को समझने के बावजूद इसे बिल्कुल से बेकार चीज नहीं कह सकते। आखिरकार यह उस सौदे से जुड़े तीनों पक्षों के लिए BENEFIT होती है जैसे कि-


The customer gets the convenience of paying money

no cost emi का मतलब हिंदी



कोई भी बड़े कीमत का सामान लेने के लिए एकमुश्त रकम का जुगाड़ करने की जरूरत नहीं पड़ती। वह अपनी सुविधानुसार 3 MONTH से लेकर 2 YEAR तक की किस्तों में उसका PAYMENT  कर सकता है। DICSCONT जरूर उसे नहीं मिलता, लेकिन अगर किसी सामान के बिना उसका काम अटक रहा है, वह तो मिल ही जाता है। कभी-कभी उस सामान के न होने से होने वाला नुकसान, आपक हाथ से छूटे discount के मुकाबले ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।

अगर आप कोई ऐसा Business करते हैं, जिसके लिए computer होना अनिवार्य है। जैसे कि Blogging or Website Designing or Online Service Center। कंप्यूटर न उपलब्ध होने पर हो सकता है आपको रोज 100-200 या 500-1000 का भी नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसे में आपको बिना डिस्काउंट के भी अगर नो कास्ट ईएमआई से कंम्पूयर मिल जाता है तो इसे फायदे का ही सौदा कहेंगे।

BANK का बिजनेस बढ़ता है, नए ग्राहक जुड़ते हैं



BANK  का फायदा यह होता है कि उसके पास हर MONTH  एक निश्चित रकम आने लगती है। इससे उसे अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलती है। उस बैंक के कार्ड पर DISCOUNT  मिलने की जानकारी होने पर अन्य ग्राहक भी उस BANK  का CARD रखने को प्रेरित होते हैं। इससे उन्हे कुछ NEW ग्राहक भी मिल जाते हैं। सामान या सेवा देने वाली कंपनियां भी, खुद को मिलने वाली रकम में से कुछ प्रतिशत, मार्जिन बैंको को दे देती है। इससे उनके डिस्काउंट की भी कुछ या पूरी की पूरी भरपाई हो जाती है।


कंपनियों की बिक्री के साथ-साथ BENFIT  भी बढ़ता है

SALE के समय, COMPNAY ज्यादा से ज्यादा माल बेचने की कोशिश करती हैं। कुछ कम BENFIT कमाकर भी वे ज्यादा से ज्यादा माल निकालना चाहती हैं। ताकि उनके margin में आई कमी को बड़ी मात्रा में बिक्री से Well Adjust  किया जा सके। NO Cost EMI के माध्यम से उन्हें बड़ी संख्या में CASTMER मिल जाते हैं और उनका, ज्यादा माल बेचने का उद्देश्य पूरा हो जाता है।


लोग, SALE  या सस्ता सामान मिलने के चक्कर में, इतनी ज्यादा रकम की shopping कर डालते हैं, कि उसकी EMI उन पर बोझ बन जाती है। इस बीच अगर व्यक्ति या उसके FAMLIY को किसी तरह की गंभीर बीमारी या अन्य किसी समस्या का सामना करना पड़ा तो फिर, वे हो सकता है किसी महीने या कुछ ज्यादा समय तक EMI भरने की स्थिति में न हों।

ऐसे में EMI ब्रेक होने लगती हैं और उन्हें भारी penalty के साथ-साथ ऊंची INTREST चुकानी पड़ती है। गौरतलब है कि CREDIT  कार्ड की ब्याज 40% के आसपास पड़ती है। उस पर 18% की GST अलग से लगता है। इसलिए बहुत बड़ी रकम का सौदा क्रेडिट कार्ड EMI के माध्यम से करना ठीक नहीं माना जाता।

EMI कितने प्रकार की होती है?


EMI  दो प्रकार की  होती  जो एक EMI इयर लिए होता है दूसरा MONTH लिए  EMI 

What is the outstanding EMI?

outstanding EMI  जिसे पेमेंट के प्रकार referenced जहां lender को पहलेEMI Payment Advance में किया जाता है। इस मामले में, Lender Entire Loan Amount  को उधारकर्ता के बैंक खाते में वितरित करता है, लेकिन processing fee और पहली ईएमआई राशि काटने के बाद। यहां, पहली ईएमआई राशि में केवल मूल राशि शामिल है और इसमें कोई ब्याज भुगतान शामिल नहीं है। एक अग्रिम ईएमआई भुगतान विकल्प शेष ईएमआई भुगतानों के लिए मूल ऋण राशि को कम करने में मदद करता है। दूसरे ईएमआई भुगतान के बाद से, ईएमआई भुगतान में मूल राशि और ब्याज राशि दोनों शामिल होंगे।

What is Advance EMI?

बकाया ईएमआई, जिसे एरियर ईएमआई या मानक ईएमआई भी कहा जाता है, एक उधारकर्ता द्वारा ऋणदाता को दिए गए ईएमआई भुगतानों को संदर्भित करता है जो प्रत्येक महीने एक निश्चित ऋण अवधि में ऋण का पूरा भुगतान करने के लिए किया जाता है। बकाया ईएमआई के मामले में, ऋणदाता संपूर्ण ऋण राशि को उधारकर्ता के खाते में संवितरित करता है लेकिन प्रसंस्करण शुल्क काटने के बाद। इस मामले में, ऋणदाता कोई अग्रिम ईएमआई भुगतान नहीं काटता है । इस प्रकार का ईएमआई विकल्प उन उधारकर्ताओं के लिए अधिक उपयुक्त है जिनके पास घर या वाहन या अपनी पसंद का कोई गैजेट खरीदते समय डाउन पेमेंट करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।

EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है?


EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? यदि कोई व्यक्ति अपनी ईएमआई का पेमेंट नहीं करती है, तो यह लोन समझौते का उल्लंघन है और कानूनी कार्रवाई सहित दंड के अधीन हो सकती है। उस व्यक्ति की क्रेडिट रेटिंग भी डाउनग्रेड हो सकती है, जिससे उस व्यक्ति के लिए भविष्य में बैंक से लोन लेना और मुश्किल हो जाएगा। आइए, अब पूरे विस्तार से कानूनी दांव पेज को जानते हैं।


EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है?

Bank के Officer, Loan लेने वाले व्यक्ति को call करेंगे या व्यक्तिगत Contact करेंगे. फिर भी लोन नहीं चुकाने पर, बैंक पहले नोटिस भेजती है नोटिस का जवाब नहीं देने पर, लोन लेने वाले व्यक्ति को बैंक डिफॉल्टर announced करती है लोन को बैंक NPA में डाल देगी उसके बाद Case कोर्ट  पहुंचेगा अदालत के आदेश पर, लोन लेने वाले व्यक्ति या और गारंटर के संपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया की जाएगी नीलामी के बाद, उसे जो राशि वसूल होगी. पहले उस राशि को bank अपने loan और कानूनी प्रक्रिया में हुए खर्च के रूप में लेगी bank के लेने बाद, अगर amount बच जाए तो, लोन लेने वाले व्यक्ति को दी जाएगी नीलामी के बाद, लोन की कुल राशि और कानूनी प्रक्रिया में हुए खर्च का पूर्ति नहीं होने पर, लोन लेने वाले व्यक्ति पर foreclosure का केस चलेगा. कोर्ट के फैसले के बाद, loan नहीं चुकाने वाले व्यक्ति को जेल जानी पड़ सकती है.


लोन की ईएमआई कैसे निकालते हैं?

EMI = [P x r (1+r) n] / [(1+r) n-1] जिसमें P = मूलधन / लोन राशि, r = ब्याज दर, तथा n = लोन अवधि, माह में। आप एक कार लोन ईएमआई कैलक्युलेटर की सहायता से पता लगा सकते हैं कि आपको प्रत्येक माह बैंक को कितनी किश्त देनी होगी।


ईएमआई कितना होना चाहिए?

आपकी जितनी income है उसका Maximum 40% ही EMI होनी चाहिए. हर हाल में EMI का Burden इससे कम रखने की कोशिश करें. अगर ऐसा रख पाते हैं तो Loan का बोझ कभी भी भारी नहीं होगा. INCOME का कम से कम 10 फीसदी emergency fund में DEPOSIT होना जरूरी है.


ईएमआई अच्छी है या बुरी?

EMI  अच्छी है या बुरी? EMI  स्वाभाविक रूप से न तो अच्छी है और न ही बुरी है। EMI  आपको comfortable और आसान किस्तों में LOAN चुकाने की सुविधा प्रदान करती है। हालांकि, आप इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि EMI के माध्यम से, आप वास्तव में आपके द्वारा लिए गए Borrow से अधिक का PAYMENT कर रहे हैं।


ईएमआई का भुगतान कौन कर सकता है?

EMI का मतलब है एक FIXD रकम जो आप BANK या उस संस्था को उस रकम के एक छोटे हिस्से के तौर पर हर MONTH अदा करते हैं, जो आपने LOAN के रूप में ली हो. ये रकम आपको एक तय समय सीमा में हर MONTH एक तय DATE को DEPOSIT करनी होती है.


10 लाख के होम लोन पर कितना ब्याज लगेगा?

9.5% annual interest  दर पर, 10 YEARS में 10 लाख के HOME LOAN  के लिए monthly interest  लगभग 7,916.67 रुपये होता है। इसके अतिरिक्त, 10 साल के लिए 9.5% ब्याज दर पर 10 लाख के होम लोन के लिए EMI लगभग 12,564 रुपये होगी।


ईएमआई और ब्याज में क्या अंतर है?

EMI ओर ब्याज दोनों  समे ही है इस में कोई अन्तेर नही है | हमलोगों अपना भासा में EMI को ब्याज  खाते है  और ऑफिस की भासा में  EMI |


ईएमआई में डाउन पेमेंट क्या है?

डाउन पेमेंट एक ऐसा PAYMENT आप्शन है, जो चुनिंदा product पर उपलब्ध है, जिसका उपयोग करके आप product की कीमत का 25% पेमेंट खरीद के समय कर सकते हैं और राशि को अपने क्रेडिट कार्ड पर EMI में परिवर्तित कर सकते हैं.



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